वित्त मंत्री ने आम बजट को सात प्राथमिकताओं में बांटकर उन्हें सप्तऋषि बताया ●कृषि क्षेत्र में नई तकनीकों को प्रोत्साहन के साथ बजट में हरित विकास पर जोर ●सबसे अधिक आवंटन रक्षा क्षेत्र के लिए और सबसे ज्यादा बढ़ोतरी रेलवे बजट में
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लाख करोड़ रुपये का बजट पेश किया सीतारमण ने, यह पिछले वर्ष से 5.58 लाख करोड़ अधिक
नई दिल्ली। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बुधवार को संसद में वित्तीय वर्ष 2023-24 का आम बजट पेश किया। इसमें अमृतकाल में लंबी छलांग के संकल्प की तस्वीर पेश की गई। चुनाव से पहले आखिरी पूर्ण बजट में भी सरकार ने लोक लुभावन ऐलान से बचते हुए अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने को तरजीह दी। सरकार की कोशिश रही कि वह लोगों के हाथ में खर्च करने योग्य ज्यादा रकम दे सके। साथ ही आर्थिक गतिविधियों को रफ्तार देने के लिए पूंजीगत खर्च बढ़ाया गया है।
केंद्रीय वित्त मंत्री ने बजट में पर्यटन से जुड़ी नई योजनाएं और बुनियादी ढांचे के विकास से संबंधित ऐलान भी किए। इससे अर्थव्यवस्था को और मजबूती मिलने की संभावना है। चुनावी साल में सरकार ने एक तीर से कई निशाने लगाने की कोशिश की है। बजट घोषणाओं में गरीबों, किसानों, युवाओं, महिलाओं, वरिष्ठ नागरिकों, नौकरीपेशा और कारोबारियों समेत सभी वर्ग को कुछ न कुछ राहत दी गई है।
मध्यम वर्ग को बड़ी राहत बजट में मध्यम वर्ग का खास ख्याल रखा गया है। आठ वर्ष बाद आयकर दरों में बदलाव करते हुए कर छूट का दायरा बढ़ाया गया है। वरिष्ठ नागरिकों की बचत योजना का दायरा भी बढ़ा है। महिलाओं के लिए दो लाख रुपये की नई बचत योजना शुरू की गई है।
तकनीकी विकास पर जोर नई 5जी तकनीक में भारत अग्रणी रहे, इसके लिए बजट में मोबाइल ऐप से जुड़ी सौ प्रयोगशालाएं स्थापित करने का ऐलान किया गया है। इसका फायदा पुराने के साथ नए कारोबारियों को भी मिलेगा।
रोजगार सृजन पर खास ध्यान वैश्विक स्तर पर सृजित हो रहे रोजगार में भी भारत की पहुंच बढ़े, इसके लिए बजट में प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना का दायरा और बढ़ाया गया है। इसके तहत युवाओं और कामगारों को नई पीढ़ी के कौशल से प्रशिक्षित किया जाएगा। इसमें आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, रोबोटिक्स, इंटरनेट ऑफ थिंग्स, 3डी प्रिंटिंग, ड्रोन और सॉफ्ट स्किल जैसे पाठ्यक्रम शामिल किए जाएंगे।
10 लाख करोड़ का पूंजी निवेश बजट में कहा गया है कि पिछले नौ साल में प्रतिव्यक्ति आमदनी दोगुनी होकर 1.97 लाख रुपये हो गई है। वित्त मंत्री ने कहा, विकास योजनाओं में 10 लाख करोड़ रुपये का पूंजी निवेश किया जाएगा। अगले वित्तवर्ष में राजकोषीय घाटा जीडीपी का 5.9 फीसदी रहने का अनुमान जताया गया है।
केंद्र सरकार ने मित्रकाल बजट पेश किया है। इसमें नई नौकरियों के सृजन के लिए कोई योजना नहीं है। महंगाई पर काबू पाने का कोई इंतजाम नहीं है।
-राहुल गांधी, कांग्रेस नेता
अमृतकाल के पहले बजट ने विकसित भारत का संकल्प पूरा करने का आधार दिया है। बजट आकांक्षाओं से भरे समाज, किसानों, मध्यम वर्ग के सपनों को पूरा करेगा।