गंगा स्नान कर श्रद्धालुओं ने की सुख-समृद्धि की कामना
सिमरिया धाम, एक संवाददाता। माघी पूर्णिमा के मौके पर रविवार को गंगा स्नान के लिए सिमरिया धाम में श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ पड़ा। श्रद्धालुओं ने हर-हर गंगे के जयकारे के साथ गंगा में डुबकी लगाई। माघी पूर्णिमा के अवसर पर लगभग 8 से 10 लाख श्रद्धालुओं ने गंगा स्नान किया। सिमरिया धाम में गंगा स्नान के लिए बिहार समेत देश के विभिन्न हिस्से के अलावा पड़ोसी देश नेपाल से भी हजारों श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ती रही।
माघी पूर्णिमा के मौके पर गंगा स्नान के लिए शनिवार से ही श्रद्धालुओं का आना शुरू हो गया था जो रविवार को देर शाम तक जारी रहा। श्रद्धालुओं ने गंगा स्नान के बाद गंगा पूजन कर सिमरिया गंगातट किनारे मौजूद अखिल भारतीय सर्वमंगला सिद्धाश्रम, सदाशिव आश्रम, कबीर आश्रम, मां जगनकी आश्रम, पगला बाबा आश्रम समेत विभिन्न आश्रमों व मंदिरों में पहुंचकर पूजा-अर्चना कर साधु-संतों से आशीर्वाद लिया। इधर, सिमरिया गंगा तट पर उमड़ने वाली भीड़ को नियंत्रण करने के लिए चकिया ओपी प्रभारी दिवाकर प्रसाद सिंह, पुअनि महेश प्रसाद समेत कई अन्य पुलिसकर्मी मुस्तैद दिखे। वहीं, गंगा स्नान के दौरान कोई श्रद्धालु नहीं डूबे, इसको लेकर एसडीआरएफ की टीम कमांडर शशिभूषण शर्मा, एसडीआरएफ जवान संजीत कुमार, मुन्ना यादव तथा राहत बचाव दल के प्रशिक्षित गोताखोर अनिल कुमार, अमर कुमार, शत्रुघ्न कुमार, जाटो कुमार, मनीष , सुनील कुमार, सीताराम, तेतर, भरत व अर्जुन आदि सिमरिया के विभिन्न घाटों पर रबर वोट, लाइफ जैकेट समेत अन्य सुरक्षा उपकरणों के साथ मुस्तैद थे।
सिमरिया गंगातट पर हजारों भगतों ने की भगतईमाघी पूर्णिमा के मौके पर सिमरिया गंगा तट पर हजारों महिला व पुरुष भगत ने अपना करतब दिखाया। इस दौरान पूरे सिमरिया गंगा तट पर ढोल, झाल व नगाड़ा गूंज रहा था। सिमरिया गंगातट पर करतब दिखा रहे भगतों में खासकर महिला भगत की संख्या हजारों में थी।
माघी पूर्णिमा के अवसर सिमरिया धाम में गंगा स्नान के लिए उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़। बछवाड़ा के झमटिया घाट पर स्नान के लिए उमड़ा लोगों का हुजूम। ● सैकड़ों लोगों ने गंगा घाट पर बच्चों का मुंडन संस्कार भी कराया ● अहले सुबह से शाम तक स्नान के लिए गंगा तट पर लगा रहा लोगों का आना-जाना ● विभिन्न घाटों पर रबर वोट, लाइफ जैकेट समेत अन्य सुरक्षा उपकरणों के साथ मुस्तैद थे बोतलबंद पानी बेचने के लिए चापाकल की कांटी खोलासिमरिया गंगा तट के डीडीआरएफ ऑफिस के समीप मौजूद दो सरकारी चापाकल में से रविवार को किसी भी चापाकल में कांटी नहीं लगी थी। इस वजह से सिमरिया गंगातट आने वाले श्रद्धालु प्यास बुझाने के लिए इधर-उधर भटकते रहे। स्थानीय लोगों ने बताया कि सिमरिया गंगा तट के बाजार में पानी व्यवसाय से जुड़े दुकानदार बोतलबंद पानी बेचने के लिए भीड़ के दिनों में चापाकल से कांटी हटा देते हैं। गंगा स्नान से चारों धाम तीर्थ करने का मिलता है फल माघी पूर्णिमा के मौके पर गंगा स्नान करने से श्रद्धालुओं को न केवल वर्ष भर गंगा स्नान करने के फल की प्राप्ति होती है, बल्कि चारों धाम का तीर्थ करने का फल भी मिलता है। ये बातें माघी पूर्णिमा के मौके पर रविवार को अखिल भारतीय सर्वमंगला सिद्धाश्रम के संस्थापक स्वामी चिदात्मन जी महाराज ने कहीं। इस पुनीत महीने में प्रयागराज में कल्पवास मेला लगता है जिसका समापन आज माघी पूर्णिमा पर गंगा स्नान के साथ हुआ। कहा कि प्रयागराज में माघ के प्रतिपदा से शुरू होकर माघी पूर्णिमा तक चलने वाले कल्पवास में जो लोग गंगा स्नान नहीं कर पाए वैसे लोग अगर माघी पूर्णिमा के दिन कहीं गंगा स्नान करते हैं तो उनके सभी पाप-ताप नष्ट हो जाते हैं। पूजा-अर्चना के लिए श्रद्धालु पहुंचे बाबा हरिगिरि धाम गढ़पुरा। माघ पूर्णिमा के मौके पर रविवार को मिथिलांचल की पावन शिवनगरी बाबा हरिगिरि धाम में पूजा-अर्चना के लिए दिनभर श्रद्धालुओं की भीड़ लगी रही। सिमरिया घाट के अलावा मुंगेर घाट तथा गढ़पुरा के सीमावर्ती विथान प्रखंड के जगमेहरा स्थित कौशकी, कमला और बागमती नदी संगम तट पर डुबकी लगाकर बड़ी संख्या विभिन्न वाहनों से श्रद्धालु यहां पूजा अर्चना के लिए पहुंचे। इस तट पर माघी पूर्णिमा मेले का भी आयोजन होता है। माघी पूर्णिमा का महत्व बताते हुए बाबा हरिगिरि धाम मंदिर के प्रधान पुजारी संजीव झा सोनू ने बताया कि मान्यता है कि इस दिन गंगा स्नान करने से लोगों के सभी पाप धुल जाते हैं और भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की विशेष कृपा मिलती है। माघ मास में नदी में स्नान करने की परंपरा है। इधर, प्रखंड के विभिन्न गांवों में स्थित मंदिरों में भी पूजा-अर्चना की गई। गढ़पुरा बाजार स्थित नर्मदेश्वर महादेव मंदिर में भी पूजा के लिए भीड़ लगी रही। लोगों ने स्नान-ध्यान कर अपने इष्टदेव की पूजा आराधना की।