जिले में करीब पांच हजार हेक्टेयर में हुई है आलू की खेती , कीमत गिरकर पहुंचा 600 रुपये प्रति क्विंटल पर,खुदरा आठ से 10 रुपए प्रति किलो बिक रहा आलू
बेगूसराय/सिंघौल। हिन्दुस्तान टीम जिले में इस साल सब्जी उत्पादन करने वाले किसानों को उनकी लागत मूल्य निकालना भी मुश्किल हो रहा है। खासकर आलू उत्पादक किसान उचित दाम नहीं मिलने से निराश हैं। शाम्हो के किसान वाल्मीकि राय, अरविंद सिंह, रुपेश कुमार, अजय कुमार आदि ने बताया कि करीब एक हेक्टेयर की बुआई में एक लाख रुपये का खर्च आता है। लेकिन बाजार भाव मुश्किल से 8 से 10 रुपए प्रति किलो का खुदरा दाम है। जिला उद्यान अधिकारी राजीव रंजन ने बताया कि जिले में 4978 हेक्टेयर में आलू की बुआई की गई है। प्रति हेक्टेयर 250 से 300 क्विन्टल आलू का उत्पादन होता है।
इस बार अब तक का मौसम बहुत अच्छा रहा है। ऐसे में आलू की बंपर उत्पादन होने की आशा है। लेकिन ज्यादा उत्पादन होने से किसानों को उचित मूल्य नहीं मिल पाता है। कोल्ड स्टोर में आलू रखने की जगह किसान जो रेट मिलती है उसी में बेच लेते हैं। सामान्य तौर पर 15 फरवरी से मार्च तक आलू की खुदाई की जाती है।
आलू की खेती किसानों के लिए भारी घाटे का सौदा साबित हो रही बछवाड़ा । इस साल आलू की खेती किसानों के लिए भारी घाटे का सौदा साबित हो रही है। वर्तमान में आलू का भाव गिरकर 600 रुपये प्रति क्विंटल तक पहुंच चुका है। किसानों ने बताया कि अभी ज्यादातर किसानों के खेतों में ही आलू की फसल लगी है और आलू का भाव काफी नीचे लुढ़क चुका है। अभी आलू का भाव और गिरने का कयास लगाया जा रहा है। किसानों ने बताया कि प्रति कह्वा आलू की खेती करने में उन्हें कम से कम दो हजार रुपये खर्च करने पड़े थे। वर्तमान में आलू की खुदाई के बाद उन्हें प्रति कह्वा दो से तीन क्विंटल आलू प्राप्त हो रहे हैं, जिसका बाजार मूल्य मात्र 1200 से 1800 तक सिमट कर रह गया है। किसानों ने कहा कि लोकल लाल आलू खेतों से खुदाई करने के पूर्व ही यूपी बंगाल हरियाणा पंजाब आदि प्रांतों से सफेद आलू की खेती बाजार के विभिन्न मंडियों में उतर जाने से आलू की कीमत में तेजी से गिरावट हुई है। इलाके के किसानों ने इस साल हजारों हेक्टेयर खेतों में मक्का के साथ आलू की खेती की है। अभी करीब 60 फीसदी किसानों के खेतों में ही आलू हैं और दाम गिर जाने से उनकी चिंता बढ़ गई है।
आलू की उचित कीमत नहीं मिलने से जिले के किसान परेशान
byRaushan Rana
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