अंचलों में दाखिल-खारिज के लिए महीनों चक्कर काट रहे लोग

दिसंबर 2022 तक जिले में 14 हजार 131 मामले लंबित ,आवेदन में सब कुछ सही- सलामत रहने के बावजूद रखा जा रहा है लंबित बेगूसराय,हिन्दुस्तान टीम । जिले के विभिन्न अंचल कार्यालयों में दाखिल- खारिज के लिए आवेदकों को राजस्व कर्मी के दफ्तर से लेकर सीओ के चेंबर तक रोज चक्कर काटने की नौबत है। लोगों का कहना है कि दाखिल- खारिज के ज्यादातर आवेदन पहले कई महीनों तक पेंडिंग रखे जा रहे हैं, फिर निष्पादन के नाम पर आवेदन में कोई ना कोई कमी का बहाना बना उनके आवेदन रिजेक्ट किए जा रहे हैं। कई आवेदकों ने बताया कि आवेदन में सब कुछ सही- सलामत रहने के बावजूद निर्धारित अवधि से अधिक दिनों तक उनके आवेदन संबंधित हल्का कर्मचारी से लेकर सीआई व सीओ के आईडी तक पेंडिंग रखा जा रहा है। विभाग से मिली जानकारी के अनुसार दिसंबर 2022 तक जिले में 14 हजार 131 मामले लंबित थे। रजिस्टर- टू में जमीन से संबंधित विवरण अपूर्ण रहने व आवेदन पर दावा आपत्ति के कारण फंस रहा मामलाबछवाड़ा। अंचल में पिछले दिसंबर माह तक दाखिल- खारिज के 1885 आवेदन पेंडिंग पड़े हैं। रसीदपुर, गोविंदपुर- तीन, अरबा, रुदौली, भीखमचक, बछवाड़ा, दादुपुर, चमथा आदि पंचायतों के दर्जनों आवेदक जमीन की दाखिल- खारिज के लिए पिछले कई महीनों से अंचल कार्यालय का चक्कर लगा रहे हैं। इधर, सीओ दीपक कुमार ने बताया कि रजिस्टर- टू में जमीन का खाता- खेसरा नंबर तथा अन्य विवरण अपूर्ण रहने के कारण संबंधित जमीन का दाखिल- खारिज करने में समस्या उत्पन्न हो रही है। कहा कि दाखिल- खारिज के कई मामले दावा आपत्ति के कारण भी फंसे हैं। ऑनलाइन दाखिल-खारिज कर्मचारियों के लिए बना धनउगाही का हथकंडातेघड़ा। सरकार द्वारा ऑनलाइन दाखिल-खारिज की व्यवस्था की थी। लेकिन अधिकारियों और कर्मचारियों द्वारा इस व्यवस्था को भी पंगू बनाकर धनउगाही का हथकंडा बना लिया है। नतीजा यह है कि तेघड़ा प्रखंड और नगर परिषद क्षेत्रों में हजारों दाखिल खारिज के मामलों का निष्पादन वर्षों से नहीं हुए हैं। जमीन मालिक ऑनलाइन आवेदन देने के बावजूद लगातार राजस्व कर्मचारी को ढूंढ़ने एवं सीओ कार्यालय का चक्कर लगाने को विवश हैं। पिपरादोदराज, धनकौल, बरौनी, रातगांव आदि पंचायतों के अलावाला तेघड़ा नगर परिषद क्षेत्र के वार्डों में सैकड़ों आवेदकों ने अपनी पीड़ा बताते हुए कहा कि ऑनलाइन आवेदन देने के बाद राजस्व कर्मचारियों को खोजने में, फिर सीओ कार्यालय में दो तीन बार पूरे कागजात प्रस्तुत करने के बाद भी अब तक दाखिल खारिज नहीं हुआ है। लोगों ने बताया कि राजस्व कर्मचारियों द्वारा जानबूझकर आवेदन पर सुनवाई नहीं की जाती है। वहीं कई लोगों ने आरोप लगाया कि बिचौलियों द्वारा दिए आवेदन को एक सप्ताह में भी निष्पादन कर दिया जाता है। नियमानुसार पूर्वक आवेदन देने के बाद महीनों तक ऑनलाइन आवेदन को देखा भी नहीं जाता है। कर्मचारियों का कहना है कि जमीन खरीद बिक्री मामले में यदि क्रेता ओर बिक्रेता के बीच डील होता है तो उसके दाखिल खारिज में परेशानी नहीं होती है। लेकिन कई बार पुश्तैनी जमीन की खरीद बिक्री तथा कई अन्य तरह के खरीद बिक्री में समय लगते हैं। जमीन मालिकों का आरोप है कि कई बार बिचौलिए के माध्यम से गलत तरीके से भी जमीनों का दाखिल खारिज आनन फानन में कर दिए जाते हैं।
विभागीय स्तर से मिली जानकारी के मुताबिक दिसंबर 2022 तक जिले में 14 हजार 131 आवंदन लंबित थे। बेगूसराय सदर में 2454, मटिहानी में 527, बरौनी में 643, वीरपुर में 177, शाम्हो में 166, तेघड़ा में 1284, बछवाउ़ा में 1825, मंसूरचक में 489, भगवानपुर में 1176, बलिया में 823, डंडारी में 487, साहेबपुरकमाल में 1197, चेरियाबरियारपुर में 556, छौड़ाही में 445, खोदावंदपुर में 153, बखरी में 430, गढ़पुरा में 667 और नावकोठी में 632 आवेदन लंबित था।

Post a Comment

Previous Post Next Post