गंगा के बिना सनातन संस्कृति का आधार नहीं

बेगूसराय, हमारे प्रतिनिधि। गंगा को संरक्षित किये बिना सनातन संस्कृति की कल्पना नहीं की जा सकती है। भारतीय समाज में गंगा जीवन पद्धति से जुड़ा है। सनातन धर्म के हर संस्कार व रिवाज में गंगा जल का उपयोग होता है। आज सनातन संस्कृति पर राजनीतिक व सामाजिक तौर पर हमला हो रहा है। कांग्रेस, राजद व सपा जैसे राजनीतिक संगठन अपनी सत्ता व पैसे के लिए सनातन धर्म पर हमला कर रहे हैं। सनातन को मजबूत करने के लिए छूआछूत का सफाया करना होगा। ये बातें केंद्रीय गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय ने कहीं। वे गंगा ग्लोबल स्कूल में गंगा समग्र के राष्ट्रीय अधिवेशन के समापन समारोह में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि भारत के 379 लोकसभा क्षेत्र गंगा से जुड़े हुए हैं। इसी से इसकी महत्ता को समझा जा सकता है। केंद्र सरकार ने भी नमामि गंगे प्रोजेक्ट के तहत गंगा व उसकी सहायक नदियों को निर्मल व अविरल रखने का संकल्प लिया है। लेकिन, आमलोगों की सहभागिता के बिना यह संभव नहीं है। राज्यसभा सांसद राकेश सिन्हा के संबोधन में छाये रहे नेहरूराज्यसभा सांसद राकेश सिन्हा ने गंगा को संरक्षण के बहाने कांग्रेस, वामपंथ व खासकर पंडित जवाहरलाल नेहरू पर जमकर हमला बोला। कहा कि अंग्रेजों व नेहरूवादियों ने आज देश को इस स्थिति में लाकर खड़ा कर दिया है कि कुछ लोग गंगा में प्रदूषण हटाने का भी विरोध कर रहे हैं। कहा कि न्यूजीलैंड जैसे देश में भी एक नदी राष्ट्रीयता व पवित्रता का प्रतीक है। नाइजीरिया में ओसुन नदी प्रेम की देवी का प्रतीक है। वहां नदियों के मुद्दे पर कोई राजनीति नहीं होती। फिर भारत में क्यों। उन्होंने गंगा नदी को रामलला की तर्ज पर व्यक्ति की तरह कानूनी अधिकार देने की मांग की। कहा कि वर्ष 2014 के बाद से देश में सांस्कृतिक नवजागरण हुआ। 2014 से पहले हम औपनिवेशिक मानसिकता से पीड़ित थे। अब प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भारत विश्वगुरु बनने की ओर अग्रसर है। रमजानपुर स्थित गंगा ग्लोबल स्कूल में गंगा समग्र के राष्ट्रीय अधिवेशन में केंद्रीय गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय, राज्यसभा सांसद राकेश सिन्हा, गंगा समग्र के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमरेंद्र कुमार लल्लू व अन्य।गिरीश चतुर्वेदी बने राष्ट्रीय सह संपर्क प्रमुख अधिवेशन में राष्ट्रीय स्तर पर नवीन दायित्व की घोषणा की गई। इसमें गिरीश चतुर्वेदी (गोरखपुर) को राष्ट्रीय सह सम्पर्क प्रमुख, राज नारायण (बलिया) को राष्ट्रीय जैविक कृषि प्रमुख, राजेश (कानपुर) को राष्ट्रीय सहायक नदी सह प्रमुख, विशम्भर को अवध प्रांत का संरक्षक, तीरथराज को अवध प्रांत का संयोजक, कलानंद ठाकुर को झारखण्ड प्रांत का सह संयोजक, लाल जी भाई को अवध का संगठन मंत्री, सूर्य प्रकाश को कानपुर, दिनेश को वृज प्रांत और निरंजन को उत्तराखण्ड प्रांत का संगठन मंत्री बनाया गया

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