साइबर ठगों के सामने बेबस है पुलिस, 110 दिन में 60 लाख की हुई ठगी, खुलासा नहीं

 


बेगूसराय में साइबर सेल का काम फिसड्डी है तभी तो 110 दिन में साइबर अपराधियों ने 60 लाख रुपए से अधिक की ठगी कर ली है। इस संबंध में एक दर्जन से अधिक मुकदमा तो दर्ज किया है, मगर अनुसंधान के नाम पर पुलिस लकीर पीटती नजर आती है। स्थिति यह है कि डॉक्टर, इंजीनियर, न्यायिक अधिकारी को भी साइबर क्रिमिनल्स अपनी जाल में फंसाने से बाज नहीं आते हैं। साइबर क्रिमिनल्स ने आर्थिक अपराध में लुटेरों और डकैतों को भी पीछे छोड़ दिया है। अब, आर्थिक अपराध का बड़ा जरिया साइबर ठगी बन गई है। पुलिस साइबर ठगी की वारदात को बेहद हल्के में लेती है। नतीजा यह है कि इस साल हुए साइबर फ्रॉड के एक कांड का भी खुलासा पुलिस अब तक नहीं कर सकी है। पुलिस शायद ही कभी साइबर ठगी के शातिर अपराधी को कानून के शिकंजे में दबोच पाती है। यहां तक की पुलिस साइबर एक्ट के नियमों की अनदेखी करते हुए साइबर ठगी के वारदात में साइबर एक्ट भी नहीं लगाती है और साइबर एक्ट लगाती भी है तो अक्सर नियमानुसार इंस्पेक्टर को आईओ नहीं बनाया जाता है।

केस दो- ओएलएक्स पर ईयर बड बेचने पर ठगे गए इम्तियाज

ओएलएक्स पर ईयर बड का विज्ञापन लगाने पर ठगी का शिकार हो गए पपरौर निवासी इम्तियाज आलम साइबर ठग ने क्यूआर कोड स्कैन करने के नाम पर उनके खाते से 77 हजार 980 रुपए की अवैध निकासी कर ली। यह वारदात 24 दिसम्बर को हुई। बरौनी पुलिस ने 4 जनवरी को एफआईआर दर्ज किया। 

डॉक्टर, इंजीनियर, न्यायिक अधिकारी को भी अपने जाल में फंसा रहे हैं साइबर ठग

केस एक एनी डेस्क एप डाउनलोड करवा कर ठगा डेढ़ लाख

साइबर ठग ने कस्टमर केयर के नाम पर एनी डेस्क एप्प डाउन लोड करवा कर सुशील नगर निवासी संगीता कुमारी के खाता से एक लाख 45 हजार रुपए की अवैध निकासी कर ली। पिछले साल 20 दिसम्बर को वारदात हुई। सिंघौल पुलिस ने जनवरी माह में एफआइआर लिखी। पुलिस ने इस मुकदमा में साइबर एक्ट के नियमों का धज्जी उड़ाते हुए आईटी एक्ट नहीं लगाया

केस 4- मजदूर के खाता से एक लाख की अवैध निकासी कर ली

साइबर ठग ने तेघड़ा थाना क्षेत्र के आलापुर निवासी मजदूर छोट् कुमार के पीएनबी बैंक के खाता से 99 हजार 97 रुपए की अवैध निकासी कर ली। यह वारदात 16 मार्च को हुई। साइबर ठग ने एनी डेस्क एप डाउनलोड कर वारदात को अंजाम दिया है। तेघड़ा थानाध्यक्ष ने इस कांड में आईटी एक्ट के नियमों का पालन करते हुए खुद आईओ बने हैं।

केस 5 साइबर - ठग ने भाजपा के नेता से ठगे डेढ़ लाख रुपए

साइबर ठग ने कस्टम अधिकारी बन कर भाजपा के दिग्गज नेता रामलखन सिंह से डेढ़ लाख रुपए की ठगी कर ली ठगी की यह वारदात 23 फरवरी से 27 फरवरी के बीच हुई। महंगी गाड़ियों के नीलामी के नाम पर झांसा देकर रामलखन सिंह से डेढ़ लाख रुपए की ठगी कर ली। पीड़ित ने 2 मार्च को बरौनी थाना में केस दर्ज कराई है।

केस 3 एनी डेस्क एप से 25 लाख रुपए खाता से उड़ाए

-साइबर ठग ने खगड़िया निवासी देवेंद्र साहू के खाते से 24 लाख 89 हजार 99 रुपए उड़ा लिए। यह वारदात पिछले साल 1 नवंबर को हुई। जिसकी एफआईआर लाखो पुलिस ने 12 जनवरी को दर्ज किया। क्यूआर कोड डाउनलोड करवा कर बदमाशों ने चावल मिल मालिक के आईसीआईसीआई बैंक बेगूसराय के खाता से 25 लाख की अवैध निकासी कर ली थी।

आईटी एक्ट की धज्जियां उड़ा रही है पुलिस

पुलिस साइबर फ्रॉड के मामले में अक्सर आईटी एक्ट की धारा में केस दर्ज नहीं करती है यदि आईटी एक्ट में केस दर्ज कभी करती है, तो नियम के विपरीत केस का अनुसंधानकर्ता इंस्पेक्टर को नहीं बनाकर इंस्पेक्टर स्तर से नीचे के अफसर को बनाती है।

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