जिले के 2119 सरकारी और निजी विद्यालयों में से मात्र 500 विद्यालयों ने ही यू डायस पर जानकारी अपलोड की है। जिसमें सत्र 2022-23 में पढ़ने वाले 2119 विद्यालयों के 839297 बच्चों में से मात्र 500 स्कूलों के 71558 बच्चों का डेटा अपलोड किया जा सका है। जबकि 1619 स्कूलों के 767739 बच्चों का डेटा अपलोड नहीं हो सका है। जिले में सबसे खराब स्थिति मंसूरचक, मटिहानी और शाम्हो अकहा कुरहा की है। जहां एक प्रतिशत भी डेटा अपलोडिंग का कार्य नहीं हुआ है। इसको लेकर डीपीओ एसएसए मो. जमाल मुस्तफा ने बताया है कि भारत सरकार द्वारा जल्द हो वर्ष 2023-24 के लिए पीएवी की बैठक किया जाना है। लेकिन बैठक से पहले यू-डायस पर शत प्रतिशत छात्र वार डेटा अपलोड करना आवश्यक है। यू-डायस अधूरा रहने के कारण जिला के प्रस्तावित बजट पर भी इसका प्रभाव पड़ सकता है। अगर ऐसा हुआ तो दोषी को चिन्हित कर अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।
यू-डायस पर बच्चों की पूरी जानकारी करना है अपलोड ज्ञात हो
कि जिले बरौनी में 1.99 प्रतिशत, गढ़पुरा में 4.54 प्रतिशत, साहेबपुरकमाल में 4.67 प्रतिशत, नावकोठी में 5.2 प्रतिशत, बलिया में 5.46 प्रतिशत, छौड़ाही में 8.11, बछवाड़ा में 8.40, बखरी में 8.71, डंडारी में 9.96, तेघड़ा में 10.57, बेगूसराय में 10.63, भगवानपुर में 12.35, चेरियाबरियारपुर में 12.39, वीरपुर में 24.40 प्रतिशत और खोदावंदरपुर में सबसे अधिक 28.36 प्रतिशत स्कूलों ने यू-डायस में डेटा अपलोड किया है। ज्ञात हो कि यू-डायस पर बच्चों की पूरी जानकारी जिसमें कितने छात्र किस कटेगरी के छात्र उसकी उम्र, शैक्षणिक योग्यता, उसका उम्र, फैमिली बैकग्राउंड के अलावे विद्यालय की पूरी जानकारी, जिसमें बच्चों की संख्या, आधारभूत संरचना, आरटीई की जानकारी, शिक्षकों की संख्या सहित अन्य सुविधाओं जैसे बच्चों को मिलने वाला पोषाहार, छात्रवृति या अन्य सुविधाओं की जानकारी विद्यालयों को यू-डायस पर अपलोड करना है।
दो दिनों के अंदर शत प्रतिशत विवरणी अपलोड करने का निर्देश
25 अप्रैल को राज्य स्तरीय प्रस्तावित विडियो कान्फ्रेंसिंग में यू-डायस सबसे महत्वपूर्ण एजेंडा है। इसके लिए डीपीओ ने सभी बीईओ को निर्देश दिया कि वे सभी विद्यालय से यू-डायस पर छात्र वार डेटा अपलोड कराना सुनिश्चित करें। डीपीओ ने जिले के सभी बीईओ को इस संबंध में पत्र जारी कर सख्त निर्देश दिया है। जिसमें उन्होंने कहा है कि यू-डायस पर 2022-23 के नामांकित बच्चों की जानकारी विद्यालय प्रधान द्वारा खुद या साइबर कैफे द्वारा पोर्टल पर अपलोड किया जाना है। जिसके लिए राशि भी निर्धारित है। लगातार पत्र, वाट्सएप ग्रुप, प्रशिक्षण एवं समाचार पत्रों के माध्यम से विद्यालयों को इसके बारे में निर्देश दिया जा रहा है। बावजूद विद्यालय प्रधान को छोड़कर अधिकांश द्वारा अभिरूचि नहीं लिया जाना गंभीर मामला है। साथ ही कहा है कि विद्यालयवार नामांकित बच्चों की दो सूची अधिकतम 150 नामांकित बच्चों वाले विद्यालय एंव 150 से अधिक नामांकित बच्चों वाले विद्यालय की सूची उपलब्ध करा दिया गया है। लेकिन खेद है कि आज तक बहुत सारे विद्यालय द्वारा पोर्टल पर विवरणी अपलोड नहीं किया गया है। जबकि 150 तक नामांकन वाले विद्यालय को दो दिनों के अंदर शत प्रतिशत विवरणी अपलोड करने का निर्देश दिया गया था।