शहर से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों में आग पर काबू पाने के लिए छह अग्निशमन केंद्र बनाये गये हैं। 28 अग्निशमन वाहन मौजूद है। प्रत्येक वाहन पर चालक प्रतिनियुक्त है। एक जिला अग्निशमन अधिकारी व छह एसएफओ पदस्थापित हैं। बेगूसराय सदर में सबसे ज्यादा नौ, तेघड़ा में पांच, बखरी में चार, मंझौल में दो बड़े व दो छोटे, बलिया में तीन व बरौनी में तीन अग्निशमन वाहन मौजूद हैं। आग लगने की सूचना मिलने पर अग्निशमन वाहन को सबसे अधिक परेशानी टंकी में पानी भरने में होती है। इसके लिए हाइड्रेंट प्वॉइंट की जरूरत होती है। विभागीय सूचना के अनुसार जिलेभर में 70 हाइड्रेंट प्वाइंट व 113 जल भरन के लिए अन्य जलस्रोत हैं जहां आग बुझाने के दौरान पानी कमी होने के बाद पानी भरने की व्यवस्था की होती है।
वर्ष 2021 की अपेक्षा साल 2022 में अगलगी की घटना में आयी कमी जिला अग्निशमन अधिकारी मनीष कुमार ने बताया कि डीएम के कुशल नेतृत्व में जिला अग्निशमन विभाग लोगों को आग से सुरक्षा देने के लिए मुस्तैद बना हुआ है। उन्होंने बताया कि वर्ष 2021 में जिलेभर में अगलगी की 176 घटनाएं घटी जबकि वर्ष 2022 में 126 घटनाएं। अगलगी पर काबू पाने के लिए एक गाड़ी पर एक चालक पर तीन अग्नि सिपाही व एक एफएसओ तैनात किये जाते हैं। आमलोगों के सहयोग व जिला प्रशासन से बेहतर सहयोग मिलने के कारण ही 2022 में अगलगी की घटनाओं में कमी आयी है।
हर पेट्रोल पंप पर फोम अग्निशमन यंत्र तो हर सड़क किनारे हो अग्निशमन नंबर जिला अग्निशमन अधिकारी ने बताया कि अगलगी की घटनाओं में कमी लाने के लिए सरकार हर स्तर पर प्रयास कर रही है। हर समय दिशा निर्देश आता रहता है। जिलेभर के हर पेट्रोल पंप पर फोम अग्निशमक यंत्र लगाने की योजना है। कई पंप पर तो बाकायदा फोम अग्निमशमन यंत्र काम भी करने लगा है। अगलगी से तत्काल बचाव के लिए एक तरह से जिले मे यह एक अभिनव प्रयोग चल रहा है। पम्पलेट व नुककड़ नाटक के माध्यम से भी लोगों को जागरूक किया जा रहा है। एलईडी वाहन से भी जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। आर्यभट्ट के निदेशक प्रो. अशोक सिंह, सिटी चिल्ड्रेन हॉस्पिटल के निदेशक डॉ. अरविंद कुमार ने बताया कि अगलगी की घटनाओं से बचाव के लिए सबसे पहले जरूरी है कि अग्निमशन नंबर की जानकारी हर लोगों तक पहुंचे। उन्होंने सुझाव के रूप में बताया कि हर सड़क किनारे अग्निशमन नंबर अंकित होना एक बोर्ड लगनी चाहिए। ताकि अगलगी की घटना की जानकारी अग्निशमन विभाग को आमलोग सीधे दे सके।
वहीं मंझौल अनुमंडल अग्निशमन विभाग के पास कुल चार वाहन हैं। इसमे दो बड़े और दो छोटे वाहन शामिल हैं। इसके लिए एक अधिकारी समेत कुल 14 कर्मी कार्यरत हैं। बताया गया है कि एक सहायक अग्निशमन अधिकारी, छह फायर सिपाही, दो चालक, दो गृहरक्षक चालक और तीन गृहरक्षक सिपाही वर्तमान समय में फायर स्टेशन में पदस्थापित हैं। मंझौल अनुमंडल क्षेत्र में कुल चार प्रखंड शामिल हैं। चेरिया बरियारपुर, खोदावंदपुर, छौड़ाही और नावकोठी की दो पंचायतें इस अनुमंडल क्षेत्र में शामिल हैं। वर्तमान समय में चेरिया बरियारपुर में दो वाहन रहते हैं। एक वाहन खोदावंदपुर प्रखंड व एक अन्य वाहन छौड़ाही प्रखंड मुख्यालय में भेज दिया गया है। वाहनों को रखने के लिए कहीं भी पार्किंग की व्यवस्था नहीं है। वर्षों से वाहनों को जहां तहां रखा जाता है। यही कारण है कि बरसात व धूप का वाहनों पर बुरा असर पड़ता है। कर्मियों के रहने के लिए भी समुचित व्यवस्था नहीं है। अनुमंडल क्षेत्र के लिए रिक्तियां कितनी है यह पता नहीं चल सका है। लेकिन 14 कर्मी कार्यरत हैं।
बिजली के शॉर्ट सर्किट से ज्यादा होती हैं घटनाएं
जिला अग्निशमन अधिकारी ने बताया कि अगलगी की घटनाओं की हर साल पड़ताल की जाती है। इसमें जो मामला सामने आया है कि बिजली के शॉर्ट सर्किट की वजह से अगलगी की घटनाएं अधिक दर्ज की जाती है। फसल जलने की घटनाएं तो महज सीजनल होता है। आग लगने के लिहाज से सबसे अधिक बलिया अनुमंडल में अगलगी की घटनाएं होती है। दूसरे नंबर पर तेघड़ा व तीसरे नंबर पर बेगूसराय अनुमंडल क्षेत्र आता है। उसके बाद घरेलू गैस से भी आग लगने की घटनाएं होती है। अगलगी की घटनाओं को रोकने लिए आमलोगों को जागरूकत होना होगा व आगे भी आना होगा। कहा कि लोगों को चाहिए कि घर में बिजली का उपयोग करते समय लोड के हिसाब से तार को बदलना चाहिए।
अगलगी की घटनाएं होने पर इन नंबरों पर करें कॉल
बेगूसराय सदर 7485805944, 06243-223133
बरौनी 7485805950
तेघड़ा 7485805952
मंझौल 7485805946
बखरी 7485805948
बलिया 7485805954
● जिले में अगलगी की घटनाओं से बचाव के लिए अग्निशमन विभाग अलर्ट मोड पर, लोगों से जागरूक रहने की कर रहा है अपील
14 -20 अप्रैल तक चलेगा अग्निशमन सेवा सप्ताह
जिला अग्निशमन अधिकारी ने बताया कि इस साल 14 से 20 अप्रैल तक अग्निशमन सेवा सप्ताह मनाया जाना है। इसके लिए तैयारी शुरू कर दी गयी है। प्रभातफेरी, मॉकड्रील से लेकर अन्य प्रतियोगिता के माध्यम से आमलोगों को आग से सुरक्षा के बारे में जागरूक किया जाना है।