जिले में रेलवे का नहीं हुआ पर्याप्त विकास

 सड़क मार्ग पर बढ़ी है निर्भरता



ये ट्रेनें नहीं रुकती हैं बेगूसराय स्टेशन पर

12423/24 डब्रिूगढ़-नयी दल्लिी राजधानी एक्सप्रेस, 22411/12 नाहरलागुन-नयी दल्लिी सुपरफास्ट द्वि-साप्ताहिक एक्सप्रेस, 15635/36 द्वारकाधाम ओखा-गुवाहाटी साप्ताहिक ट्रेन, 15631/32 गुवाहाटी-बाड़मेर साप्ताहिक ट्रेन, 15633/34 बीकानेर-गुवाहाटी साप्ताहिक ट्रेन, चंडीगढ़-डब्रिूगढ़ द्वि-साप्ताहिक एक्सप्रेस ट्रेन, सिलचर-नयी दल्लिी साप्ताहिक पूर्वोत्तर संपर्क क्रांति एक्सप्रेस, गुवाहाटी-नयी दल्लिी पूर्वोत्तर संपर्क क्रांति द्वि-साप्ताहिक सुपरफास्ट ट्रेन, अगरतला-आनंद विहार-फिरोजपुर त्रिपुरा सुंदरी एक्सप्रेस समेत अन्य ट्रेनें रूकती हैं। सभी ट्रेनो ंके नहीं रूकने से जिले के लोगों को सफरे लिए परेशान होने की बेबसी है।

बरौनी जंक्शन के प्लेटफार्म नंबर-5 पर रविवार को वैशाली एक्सप्रेस ट्रेन का इंतजार करते रेलयात्री।

औद्योगिक नगरी के जिला मुख्यालय में रविवार को स्थित उपेक्षित पड़ा बेगूसराय रेलवे स्टेशन। मुख्य द्वार के सामने फर्श भी टूटे हैं।

रेलवे स्टेशन, बेगूसराय

बेगूसराय। बिहार की औद्योगिक नगरी कहे जाने वाले जिला के मुख्यालय स्थित बेगूसराय स्टेशन समेत जिलान्तर्गत अन्य स्टेशनों का अबतक अपेक्षित विकास नहीं हो सका है। इससे आवागमन मामले में सड़क मार्ग पर नर्भिरता बढ़ गई है। लोकल व दूरगामी ट्रेनों की कमी के चलते सड़क मार्ग पर नर्भिरता बढ़ने से यात्रियों को अधिक खर्च तो करना ही पड़ रहा है, सड़क दुर्घटनाओं के साथ बढ़ते प्रदूषण का खामियाजा भी भुगत रहे हैं।

ट्रेन का सफर सजा से कम नहीं, स्लीपर में स्थिति बदतर

बरौनी। बरौनी स्टेशन से देश को कोने कोने से जोड़ने वाली सौ से अधिक यात्री ट्रेनों का संचालन होता है। रेलवे ने इंजन से लेकर कोच तक में बहुत से बदलाव किया है। अब हाईस्पीड ट्रेन चलाने की तैयारी है। लेकिन, आम यात्री के लिए अब भी रेल में सफर करना सजा से कम नहीं है। आलम यह है कि ट्रेन के टॉयलेट के सामने 12 से 15 घंटे बैठकर यात्रा करना मुसाफिरों की मजबूरी है। रविवार को बरौनी जंक्शन से खुलने वाली सहरसा नई दल्लिी वैशाली सुपरफास्ट एक्सप्रेस ट्रेन के स्लीपर और जनरल कोच की स्थिति एक जैसी बनी थी। बरौनी के आरपीएफ इंस्पेक्टर राजकुमार बताते हैं कि रेलयात्रियों के संरक्षा व सुरक्षा का बेहतर से बेहतर ढंग से ख्याल रखा जा रहा है। यात्रियों की शिकायत पर अबिलंब कार्रवाई की जाती है। उनका कहना है कि यात्रियों के लिए तत्पर हैं।


बरौनी फ्लैग स्टेशन पर यात्री सुविधा नहीं

तेघड़ा

तेघड़ा। बरौनी फ्लैग स्टेशन को कई दशकों से उपेक्षित किया जा रहा है। यहां पर यात्री सुविधा नहीं है। इससे लगातार स्टेशन पर यात्रियों की सुविधा घटती चली जा रही है। हालांकि, इधर कुछ दिनों पहले स्टेशन पर छोटे छोटे यात्री शेड का नर्मिाण कराया गया है लेकिन स्टेशन पर आने वाले अधिकतर लोगों को पेड़ की छांव ही ढूंढ़ना पड़ता है। गौरतलब है कि बरौनी स्टेशन से दो किलीमीटर पश्चिम छोर पर स्थित यह स्टेशन अंग्रेजों के जमाने का बना हुआ है पर अधिकारियों की उपेक्षा के कारण यह मात्र हॉल्ट में तब्दील हो रहा है,।

जंक्शन का रिमॉडलिंग हुआ मगर यात्री सुविधाओं की कमीबछवाड़ा
 बछवाड़ा। पूर्व मध्य रेल सोनपुर मंडल अंतर्गत बछवाड़ा जंक्शन के रिमॉडलिंग के बावजूद यहां यात्री सुविधाओं की घोर कमी है। रेल यात्रियों को यहां पीने का पानी मिलने पर भी संकट की स्थिति है। ये बात दीगर है कि पेयजल की व्यवस्था के नाम पर यहां प्लेटफार्म संख्या- एक से लेकर पांच तक सभी प्लेटफॉर्म पर दो-दो इंडिया मार्का के चापाकल गड़े हैं किंतु इन चापाकलों के हलक अक्सर सूखे ही मिलते हैं। दैनिक रेल यात्रियों ने बताया कि इन चापाकलों को प्लेटफार्म के दोनों छोरों पर दूर-दूर गाड़ा गया है, जहां बमुश्किल कोई यात्री पहुंच पाते हैं, वहीं कोई यात्री अगर पहुंच भी गए तो खराब चापाकल का हैंडल पटक बिना पानी के मायूस लौट जाते हैं। प्लेटफॉर्म संख्या- एक पर कुछ दिनों पूर्व एक ही जगह चार नल पॉइंट लगाए गए हैं किंतु बाहरी रेल यात्रियों को इस नल पॉइंट का पता भी नहीं चलता। लिहाजा स्टेशन पर प्यासे रेल यात्रियों को डब्बिे व बोतल लेकर पानी की तलाश में मारे- मारे फिरने की नौबत उत्पन्न हो रही है।

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