आंगनबाड़ी बच्चों की प्रतिभा के आकलन को बनेगा प्रगति कार्ड

 

बेगुसराय। बच्चों में रटने की आदत कितनी कम हुई। समझने की प्रवृत्ति का विकास कितना हुआ, शारीरिक और मानसिक विकास की गति कितनी है, इन तमाम चीजों को जानने के लिए अब आंगनबाड़ी केंद्र के बच्चों का भी समग्र प्रगति कार्ड बनाया जायेगा।


इसमें राज्यभर के एक लाख 15 हजार आंगनबाड़ी केंद्र के 28 लाख 75 हजार बच्चों को शामिल किया गया है। इन सभी बच्चों का प्रगति कार्ड से इनका मूल्यांकन किया जायेगा। इससे आंगनबाड़ी केंद्र में पढ़ने वाले सभी बच्चों का एक जगह डेटा तैयार होगा। इससे किसी भी बच्चे का मूल्यांकन करना आसान होगा। बच्चों का प्रगति कार्ड का डिजाइन आईसीडीएस, यूनिसेफ, बिहार शिक्षा परियोजना परिषद, एससीईआरटी, केयर इंडिया, प्रथम और कई संस्थानों की मदद से तैयार किया गया है। बता दें कि कक्षा एक से बच्चों का प्रगति कार्ड बनाया जाता था, लेकिन इस साल से आंगनबाड़ी केंद्र के बच्चों का भी प्रगति कार्ड बनेगा। आंगनबाड़ी सेविकाओं द्वारा हर दिन हर बच्चे के प्रगति कार्ड को भरा जायेगा। इसके बाद हर माह की 14 तारीख को अभिभावक शिक्षक संगोष्ठी में इसकी जानकारी अभिभावकों को दी जाएगी। यह समग्र प्रगति कार्ड नई शिक्षा नीति के तहत होगा। अब नई शिक्षा नीति के तहत शैक्षणिक विकास को भी जोड़ा गया है।

इन बातों की ली जायेगी जानकारी


● भाषाई कौशल कितना बेहतर हुआ


● गणितीय कौशल में विकास हो रहा है या नहीं


● शारीरिक व सामाजिक विकास की जानकारी


● बच्चों की लंबाई, पोषण और अगर मानसिक कमजोरी है तो इसकी जानकारी दी जायेगी


● रचनात्मक कौशल का कितना विकास हो रहा है


● बच्चों के सीखने की प्रवृति कैसे बढ़ रही है


● बच्चों में खेल, सांस्कृतिक के प्रति क्या रुझान है


रुचि का आकलन बचपन में ही हो सकेगा


प्रगति कार्ड तैयार होने से बचपन में ही बच्चों की रुचि का पता चल सकेगा। उसी के अनुसार बच्चा अपना कैरियर बना सकेंगे। अब चाहे खेल हो या सांस्कृतिक गतिविधियां। बच्चों की रुचि को पकड़ना आसान हो जायेगा। इसके अलावा स्कूल के किसी शिक्षक के स्थानांतरण होने या सेवानिव़ृत होने पर नये शिक्षक को बच्चों को समझने में समय नहीं लगेगा। नये शिक्षक प्रगति कार्ड से हर बच्चों को आसानी से जान सकेंगे।


आंगनबाड़ी केंद्र के बच्चों का समग्र प्रगति कार्ड बनाया जायेगा। इसके लिए हाल में तीन दिनों की कार्यशाला आयोजित की गयी हैं। यह प्रगति कार्ड बच्चों से करवायी जाने वाली गतिविधियों पर आधारित होगा। - कौशल किशोर, निदेशक, एकीकृत बाल विकास योजना

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